शेयर बाजार में कमाई करने के लिए उपलब्ध विकल्प (Options to Make Money in Stock Market)

शेयर बाजार में कमाई करने के लिए उपलब्ध विकल्प

 

  • निवेश (डिलीवरी पर ट्रेडिंग)। 
  •  स्पेक्यूलेशन (ईन्ट्राडे और डेरिवेटिव्ह पोजिशन)। 
  •  हेजिंग और आर्बिट्रेज।
  •  मार्जिन फंडिंग। 
  • डिविडन्ड की आय।

लंबी अवधि के लिए लगाएं दांव
शेयर बाजार के एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शेयर बाजार में आप जितने कम समय के नजरिए से पैसे लगाते हैं. आपका जोखिम उतना ही अधिक होता है. अगर आप किसी शेयर में कुछ घंटों या कुछ दिनों के लिए पैसे लगा रहे हैं तो यह जुए की तरह है यानी शेयर बाजार में जोखिम कम करने का सबसे पहला तरीका यह है कि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करें. यहां लंबी अवधि कहने से मतलब कम से कम तीन साल है. इससे अधिक आप कितने साल तक बने रहते हैं, यह आपकी इच्छा पर निर्भर है.

इन शेयरों से बनाएं दूरी
शेयर बाजार में आपको ढेरों ऐसे शेयर मिल जाएंगे, जिनकी कीमत काफी कम है. आपको एक रुपए से कम के भी ढेरों शेयर मिल जाएंगे. ऐसे शेयर देखकर काफी लोग लालच में पड़ जाते हैं. निवेशकों को लगता है कि 50 पैसे का शेयर कुछ ही दिनों में एक रुपए का हो सकता है. इस तरह कुछ ही दिनों में उनकी पूंजी दो गुनी हो जाएगी. लेकिन आपके लिए यह जानना जरूरी है कि अगर ये शेयर आज इतने कम भाव में मिल रहे हैं, तो उसकी वजह यह है कि फंडामेंटल रूप से इनकी कंपनियां मजबूत नहीं है. ऐसे में बेहतर यही होगा कि आप ऐसे शेयरों से दूर रहें

समझ आने पर ही करें निवेश
अक्सर आपने अपने दोस्तों, परिचितों को यह कहते सुना होगा कि फ्यूचर्स और ऑप्शंस में उन्होंने काफी पैसे कमाए हैं. ऐसे ही लोग यह भी कहते हैं कि मार्जिन पर काम करके आप कम पैसे में अधिक पूंजी बना सकते हैं, लेकिन अगर आप अपने आप को जोखिम से बचाना चाहते हैं तो इन भुलावों में न पड़ें. इन तरीकों का इस्तेमाल केवल तभी करना चाहिए, जब आपको इनके बारे में काफी अच्छी जानकारी हो. तब आप इनके फायदे और नुकसान दोनों से परिचित हो जाते हैं.

जानकारी बढ़ेगी, रिस्क घटेगा
आप कोई छोटा से छोटा काम भी करते हैं, तो उसके बारे में पूरी जांच पड़ताल करते हैं. आप बाजार से सब्जी भी खरीदने जाते हैं तो पूरा मोलभाव करते हैं. लेकिन जब आप शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं तो कुछ परिचितों के या ब्रोकर के कहने पर ही ऐसा कर देते हैं. जरूरी है कि आप शेयर बाजार से संबंधित जानकारी बढ़ाते जाएं. जैसे-जैसे आपकी जानकारी बढ़ती जाएगी, आप खुद ही यह पाएंगे कि आपका जोखिम घटता चला जाएगा

 

निवेश (Investment)

जो लोग कुछ दिन या महिने या कुछ वर्ष शेअर्स वैसे ही रखने के लिए तैयार होते है उन्हे यह डिलीवरी लेनी पड़ती है। शेअर दलाल के पास से शेअर खरीदन के बाद वह शेअर उनके डिमेट अकाऊंन्ट में जमा होते  है। अब वह ईलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में होते है और आपको उनका मासिक स्टेटमेन्ट या त्रैमासिक जो आपने निश्चत किया है उस प्रकार से मिलता है। आपको अपने खाते में बचे बॅलेन्स शेअर्स की जानकारी दी जाती है। यह विकल्प उन लोगों के लिए होता है जिन्हें स्वयं के पास कितनी रकम है उसके प्रमाण में अच्छे शेअर्स खरीदकर रखने होते है।

आगे समझ सके उस तरह से डिलिवरी लेना नहीं भूलना चाहिए। हम कोई बीज  बोते है और उसकी अच्छी देखभाल की तो आगे चलकर अच्छा फल मिलता है। ठिक वैसे ही शेअर्स के विषय में भी होता है। जिस तरह से पेड़ पर लग फल का उपयोग ठिक समय पर नहीं किया तो वो सड़ जाता है उसी तरह से हमें डेलिवेरी में से मिलनेवाले फायदे को ठिक समय पर जमा कर लेना सिखना चाहिए।

डिलीवरी लिए हुए शेअर का योग्य ट्रेडिंग हुआ तो लम्बे समय में अच्छा फायदा  मिलने की संभावना होती है। जो माल घर में पड़ा है उसका ज्यादा फायदा लेने के लिए बी.टी.एस.टी.(BTST) और एस.टी.बी.टी.(STBT) का उपयोग किया जा  सकता है।

 

स्पेक्युलेशन (Speculation) 

स्पेक्युलेशन ईन्ट्राडे या डेरिवेटिव्ह पोजिशन लेकर किया जा सकता है।

 

डे ट्रेडिंग - ईन्ट्राडे (Day Trading - Intraday)

ईन्ट्राडे ट्रेडिंग में किसी भी दिन शेअर्स की लेन-देन करके फायदा या नुकसान। बुक किया जाता है। उसमें डिलीवरी नहीं ली जाती।

इसका मुख्य हेतू डेली के उतार-चढ़ाव का फायदा लेना होता है और यह समय  एक दिन के लिए ही सीमित हो तो उसे ईन्ट्राडे कहा जाता है। सही अभ्यास और ईन्ट्राडे चार्ट की मदद से ट्रेडिंग की गई तो फायदेमंद हो सकता है। 

ईन्ट्राडे ट्रेडिंग में फायदा या नुकसान बाज़ार बंद होने से पहले ही बुक किया जाता है। नुकसान होता हो तो उस से बचने के लिए बिना स्ट्रैटर्जी के डिलीवरी लेने की भूल नहीं करनी चाहिए। इस गलती के विषय में आगे विस्तार से चर्चा की है। ईन्ट्राडे नुकसान से बचने के लिए  डिलीवरी कभी भी नहीं लेनी चाहिए। पर दुर्भाग्य यह है कि ज्यादातर लोग नुकसान होने पर उस से बचा जा सके इस विचार से डिलीवरी लेते है। जो किसी भी हालत में फायटेमंट नहीं है। अपने पास के शेअर्स वैसे ही जमाकर रखना ,  आपको होने वाला नुकसान और  बढ़ने की संभावना होती है।

 

डेरिवेटिव्ह स्पेक्युलेशन (Derivatives - Speculation)

डेरिवेटिव्ह एक ऐसा आर्थिक साधन है जो विविध आर्थिक साधन जैसे कि ईन्डिकेटर, ईन्डेक्स, कमोडिटी आदि के साथ जुड़ा हुआ है और और जिससे विविध ईन्स्टुमेन्ट का विविध बाज़ार में ट्रेडिंग हो सकता है।

उसका मूल्य  उसके मुख्य अन्डरलाइंग इन्स्टुमेन्ट के भाव पर से निकाला जाता है मुख्य्तः  दो प्रकार के डेरिवेटिव्हस होते है: फ्युचर्स और ऑप्शन्स।।

 


Copyright © 2024 Intraday Idea. All rights reserved. Powered by Intraday Idea