टेक्नीकल एनालिसिस का बेस
सप्लाई और डिमांड (Supply and Demand)
भाव के बिच का फर्क सप्लाई और डिमांड के कारण होता है। जिसके आधार पर चार्ट बनाए जाते है जो टेक्नीकल एनालिसिस का आधार होते है। अगर सप्लाई से डिमांड अधिक हो तो भाव बढ़ता है और डिमांड से सप्लाई अधिक हो तो भाव गिरता है। चार्ट की मदद से इस बढ़ोतरी और गिरावट को दर्शाया जाता है। चार्ट के अभ्यास से और बहुत से टेक्नीकल इंडिकेटर्स की मदद लेकर भाव किस दिशा में जा सकता है इसका अंदाजा लिया जा सकता है।
प्राईज ट्रेन्ड (Price Trend)
भाव पर से चार्ट का निर्माण करने का बेस स्थापित होने वाले ट्रेंड की शुरूआत में ही पहचानना होता है। जहा से ट्रेन्ड जिस दिशा में स्थापित होता हे उस तरह से ट्रेडिंग का अथवा निवेश का निर्णय लिया जा सकता है। लोगों के मनोवैज्ञानिक अभ्यास से चार्ट पर समयानुसार तैयार होने वाले किसी भी रचना को पहचान के लिए होता है। ज्यादातर जब ऐसी रचनाओं का निर्माण होता है तब उनके अनुसार पुनरावर्तन हुआ दिखाई देता है। जिसका फायदा लेना चाहिए।
चार्ट पर भाव किसी भी समय के संदर्भ में टॉप और बॉटम की स्थिति तैयार करता है। अगर तेजी हो तो ऊंचा बॉटम और अधिक ऊंचा टॉप तैयार होता है। अगर मंदी हो तो निचला टॉप और अधिक निचला बॉटम तैयार होता है। बाज़ार जब साईडवेज होता है तब एक रेन्ज में टॉप और बॉटम तैयार होते है और ट्रेन्ड का पता लगाना मुश्किल होता है। जब तेजी का ट्रेंड होता है तब सप्लाई से डिमांड अधिक होती है और भाव अधिक बढ़ता है।
जब मंदी दिखाई देती है तब डिमांड से सप्लाई अधिक होती है और भाव अधिक गिरता है। साईडवेज बाज़ार में डिमांड और सप्लाई इनके बिच ज्यादा डेफेरन्स नहीं होता है। ट्रेन्ड की दिशा के साथ ट्रेन्ड को अधिक तीन विभाग में विभाजित किया जा सकता है।
अधिक समय (LONG TIME) का ट्रेन्ड
मध्यम समय (MEDIUM TIME) का ट्रेन्ड
सबसे कम (SHORT TIME) समय का ट्रेन्ड।
उदाहरण के रूप में फ्युचर ट्रेडर ज्यादातर सबसे कम (SHORT TIME) समय के दृष्टीकोण से पोजिशन लेते हुए नज़र आते है। क्योंकि फ्यूचर हर महिने को एक्सपायर होता है। जहा शेअर्स के विषय में ऐसा नहीं होता।
मुख्य ,अधिक समय (LONG TIME) का ट्रेन्ड किसी एक समय तक स्थापित होता है। मध्यम समय (MEDIUM TIME) का ट्रेन्ड की स्थापना अधिक समय (LONG TIME) ट्रेंड के बिच में होती है और सबसे कम (SHORT TIME) समय का ट्रेन्ड मध्यम (MEDIUM TIME) समय के ट्रेन्ड के बिच में तैयार होता है। जिसकी मदद से हम खरीदी और बिक्री के संकेत प्राप्त कर सकते है।
उदाहरण के रूप में मध्यम समय (MEDIUM TIME) का ट्रेन्ड ऊपर हो है और सबसे कम (SHORT TIME) का ट्रेन्ड नीचे हो तो आपको कम भाव से खरीदी की सूचना मिलती है। उसी तरह से मध्यम समय (MEDIUM TIME) की ट्रेन्ड नीचे हो और सबसे कम (SHORT TIME) का ट्रेन्ड ऊपर हो तो आपको अधिक भाव से बिक्री की सूचना मिलती है।
कई बार ट्रेन्ड स्थापित है यह निश्चित करने के लिए तेजी के विषय में दो लो (TWO LOW ) तैयार होने चाहिए। जिसमें दुसरा लो (LOW) पहले लो से ऊपर स्थापित होता है और मंदी में दुसरा लो(LOW) पहले लो(LOW) से नीचे तैयार होते नज़र आता है।
सपोर्ट और रेसिस्टन्स (Support and Resistance)
रेसिस्टन्स (Resistance)
व्हॉल्युम (Volume)
नोट (Note)
ऐसा कहा जाता है कि अच्छे व्हॉल्युम वाले शेअर ही खरीदने चाहिए। क्योकि ऐसे शेअर्स में वॉलीटेलिटी अधिक होती है। कम वॉल्यूम वाले शेयर खरीदने मे जोखिम होता है क्योकि शेअर्स का वॉल्यूम एकदम कम का डर होता है।
ट्रेंड रिवर्सल (Trend Reversal)
अगर किसी शेअर्स में तेजी का ट्रेन्ड स्थापित हुआ और अगर करेक्शन के दरम्यान वह गिरकर पहले वाले एक लो भाव के नज़दीक आया तो ऐसा समझना चाहिए कि आपको पूर्व संकेत मिल रहा है कि अब ट्रेंड रेवेर्सल संभव है या फिर भाव अब तेजी में से साईडवेज हो सकता है अगर स्थापित सपोर्ट टुटा तो टेन्ड रिवर्सल हो सकता है। उसी तरह से तेजी कि बढ़ोतरी पहले वाले टॉप के भाव को पार करने में असफल हुई तो भी समझना चाहिए कि ट्रेन्ड अब बदल सकता है।
डायवर्जन्स (Divergence)
शेअर्स का भाव जब कोई दिशा पकड़कर आगे बढ़ता है या गिरता है तब एक स्तर ऐसा आता है जहा पर भाव बढ़ता है परंतु उसके साथ ही शेअर्स का भाव अधिक गिरता है और किसी इंडीकेटर्स के स्तर में गिरावट न होकर सुधरता है तब शेअर्स का भाव और उसके इंडीकेटर्स के दारमन्यं डायवर्जन्स आया ऐसा कहा जाता है।
इस सकारात्मक या नकारात्मक डायवर्जन्स को जाँचकर शेअर्स के भाव में जल्द ही कम समय में आनेवाली बढ़ोतरी या गिरावट का संकेत हासिल किया जा सकता है।
रिस्पेक्ट (Respect)
जब भाव किसी स्थापित अवरेज पर या किसी ट्रेन्ड लाईन पर सपोर्ट या
रेजिस्टेंस बनाता है। तब आप ऐसा कह सकते है कि भाव ने इस स्तर का आदर (रिस्पेक्ट) किया। यह एक महत्वपूर्ण घटना समझी जा सकती है क्योंकि आपको संकेत मिलता है कि भाव ट्रेन्ड कर रहा है।
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Viral Padiya
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